प्रत्येक रोगी अलग होता है, और चिकित्सक और रोगी को एक-दूसरे की अपेक्षाओं को समझने, जोखिमों और लाभों को तौलने और आपसी निर्णय पर पहुंचने की आवश्यकता होती है।
अगर आप पाइल्स का इलाज करवा करें हैं या बवासीर से पीड़ित हैं तो इन चीजों का परहेज करना बहुत जरूरी हैः-
गुदा क्षेत्र से खून बहना, दर्द, खुजली, मल रिसाव और बलगम निकलना
गुदा में खुजली और जलन महसूस हो सकती है।
एनोस्कोपी : गुदा और मलाशय की परत को देखने के लिए डॉक्टर एनोस्कोप (प्रकाशित ट्यूब) का उपयोग करते है।
चाहें तो इसमें थोड़ा एप्सम सॉल्ट भी मिला सकते हैं.
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अधिक तला एवं मिर्च-मसाले युक्त भोजन करना।
क्रीम, ऑइंटमेंट और सपोसिटरी का उपयोग करें।
नारियल की जटाओं को जलाकर राख या भस्म बना लें। इसे ताजे मट्ठे में मिलाकर सुबह खाली पेट नियमित रूप से पिएं।
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गंभीर मामलों में रबर बैंड लिगेशन, स्क्लेरोथेरेपी,
स्क्लेरोथेरेपी : यहाँ सर्जन बवासीर में स्क्लेरोसेंट नामक तरल इंजेक्ट करता है, जिससे रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है और website बवासीर सिकुड़ जाती है।
बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद और घरेलू उपचार इसके उपचार में अत्यंत प्रभावी हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।